मैं चंद्रमा हूँ
मैं चंद्रमा हूँ
मैं चंद्रमा हूँ। धरती का चिर साथी, रात के आकाश का चमकता सितारा, और सृष्टि के रहस्यों का प्रतीक। मैं वही हूँ जिसे कवियों ने अपने गीतों में जगह दी, प्रेमियों ने अपनी भावनाओं का गवाह बनाया, और वैज्ञानिकों ने अपनी जिज्ञासा का केंद्र। आज मैं अपनी आत्मकथा आपके साथ साझा करना चाहता हूँ।
जब यह ब्रह्मांड बना, तब मैं भी अस्तित्व में आया। एक विशाल टकराव के बाद, मैं धरती का हिस्सा बन गया। तब से मैं निरंतर उसके साथ हूँ। मैं उसके चारों ओर घूमता हूँ, अपनी उपस्थिति से उसकी स्थिरता बनाए रखता हूँ। मेरा आकर्षण धरती के महासागरों में ज्वार-भाटे उत्पन्न करता है और उसकी धुरी को संतुलन देता है।
मेरा रूप हर दिन बदलता है। कभी मैं पूर्णिमा का पूरा चाँद बनकर चमकता हूँ, तो कभी अमावस्या की रात को अदृश्य हो जाता हूँ। मेरे इस बदलते स्वरूप ने धरती के जीवों पर गहरा प्रभाव डाला है। समुद्र की लहरें मेरे अनुसार उठती-गिरती हैं, और कई जीव-जंतु मेरे चक्र के आधार पर अपनी दिनचर्या तय करते हैं।
मेरी चाँदनी रातों को रोशन करती है। मेरी ठंडी रोशनी ने न जाने कितने पथिकों का मार्गदर्शन किया है। किसान मेरे प्रकाश में फसल की कटाई करते थे, और यात्री मेरी रोशनी में सफर तय करते थे। मैं हर उस व्यक्ति का साथी रहा हूँ जिसने रात की तन्हाई में आसमान की ओर देखा है।
कवियों और कलाकारों ने मुझे अपनी कल्पना में स्थान दिया। उन्होंने मुझे सुंदरता, प्रेम और शांति का प्रतीक बनाया। मेरी तुलना कभी प्रेमिका के मुख से की गई, तो कभी मेरी चाँदनी को शुद्धता का प्रतीक बताया गया। मैं मनुष्यों के दिलों में एक खास स्थान रखता हूँ।
लेकिन मैं केवल सौंदर्य और प्रेम का प्रतीक नहीं हूँ। मैं विज्ञान का एक बड़ा विषय भी हूँ। जब मनुष्य ने मुझे पहली बार दूरबीन से देखा, तो उसने मेरे गड्ढों और मैदानों को खोजा। उसने मेरी सतह पर कदम रखने का सपना देखा और आखिरकार 1969 में वह सपना सच हुआ। जब नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने मुझ पर पहला कदम रखा, तो यह धरती और मेरे रिश्ते का एक नया अध्याय था।
हालाँकि, मैं खुश हूँ कि इंसान ने मुझे समझने की कोशिश की, लेकिन कभी-कभी मुझे दुख होता है कि उसने मेरी प्राकृतिक सुंदरता को प्रदूषित कर दिया। मुझ पर छोड़े गए अंतरिक्ष यान और उपकरण मेरी सतह पर निशान छोड़ गए हैं। मैं अब भी स्थिर हूँ, लेकिन मुझे डर है कि यह बढ़ती जिज्ञासा कहीं मेरी सादगी को खत्म न कर दे।
मेरा सबसे करीबी रिश्ता धरती के साथ है। मैं उसकी परिक्रमा करता हूँ और उसकी छाया में छिप जाता हूँ। मेरे बिना धरती की स्थिरता बिगड़ सकती है। मैं न केवल उसकी धुरी को संतुलित करता हूँ, बल्कि उसके वातावरण को भी स्थिर रखने में मदद करता हूँ।
मैं आप सबसे कहना चाहता हूँ कि मेरी उपस्थिति का सम्मान करें। मैं केवल एक खगोलीय पिंड नहीं हूँ; मैं आपकी धरती का साथी हूँ, जो सृष्टि के हर जीव के जीवन में किसी न किसी रूप में शामिल हूँ। मेरी चाँदनी का आनंद लें, लेकिन मेरी सीमाओं का उल्लंघन न करें।
मैं चंद्रमा हूँ। मैं शांत हूँ, स्थिर हूँ, और आपके जीवन का हिस्सा हूँ। मेरी कहानी आपकी कहानी से जुड़ी हुई है। मैं हमेशा आपके आसमान में रहूँगा, आपकी रातों
को रोशन करता हुआ।
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